Electric vehicles कैसे काम करते हैं
Electric Vehicles |
Electric vehicles के पार्ट्स
🔸 इन्वेटेर (inveter)
🔸 BMS
🔸 कुलेन्ट (coolent)
🔸 कंट्रोलर (controller)
🔸 रेजनरेटिंग ब्रेक सिस्टम
बैटरी (battery)
Lithium ion battery Lithium ion के बहुत सारे battery को एक साथ आपस मे जोड़ दिया जाता हैं जिससे की वह एक कार को आगे खींच सके. Lithium ion के छोटे- छोटे battery को आपस में जोड़ने के लिए निकल के पतली पट्टी (स्ट्रिप) का उपयोग किया जाता हैं. जिससे की ये मजबूती से पकड़े रहे और आपस में एक दूसरे से connect भी रह सके. निकल भारत में ओड़िशा (odisha) मे बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता हैं.अतः हम कह सकते हैं की निकल और lithium ion की बहुत ज्यादा जरूरत है इसके बिना electric vehicles की कल्पना हम नही कर सकते हैं.
EV Battery |
इन्वेटेर (inveter)
Lithium ion के बैटरियों में DC चार्ज होता हैं. जिसे इंवेटर द्वारा AC करेंट मे बदला जाता हैं, और ये AC करेंट मोटर को चला देता हैं. इसमे किसी भी प्रकार की इंजन की जरूरत नहीं पड़ती है. जिसके कारण यह smoothly चलती हैं और किसी भी प्रकार का vibration भी नही करती हैं.
AC (Alternating Current)
DC (Direct Current)
DC,डायरेक्ट करंट के लिए खड़ा है। डीसी में, करंट केवल एक दिशा में प्रवाहित होता है, धनात्मक से ऋणात्मक की ओर।
कुलेन्ट (coolent)
बैटरियों के बीच से छोटी छोटी पाइप गुजार दी जाती हैं. बैटरियों के बीच मे यह पाइप लगी होती हैं जिसमे ग्लाइकोल भरा होता हैं. यह ग्लाइकोल बहुत ही ठंडा पदार्थ होता है जो electric vehicles मे बैटरियों के गर्म होने पर उन्हे ठंडा करती हैं.
BMS (Battery manegement system)
BMS (battery manegement system) ये BMS बैटरियों को एक समान रूप से चार्ज करते हैं तथा जब electric vehicles चलती हैं तब ये BMS system समान रूप से बैटरियों के चार्ज को खर्च करती हैं. जिससे सभी बैटरियों की पॉवर बैलेंस रहता है, और electric vehicles smoothly चलती हैं.
Battery manegement system |
कंट्रोलर (controller)
रेजनेरेटिंग ब्रेक सिस्टम ( regenrating break system)
ev break system |