Optical fiber kya hota hai

ऑप्टिकल फाइबर क्या होता हैं | what is optical fiber
आज के इस पोस्ट मे हम optical fiber क्या है और यह कैसे कार्य करता है तथा ऑप्टिकल फाइबर के उपयोग के बारे में बतायेंगे. और आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगे तो इसे शेयर जरूर करे. Internet पर आपको ऑप्टिकल फाइबर से संबंधित और बहुत से पोस्ट पढ़ने को मिल जायेंगे जिससे आपको optical fiber से संबंधित बहुत सी बातें जानने को मिलेगी.
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ऑप्टिकल फाइबर क्या है?
ऑप्टिकल फाइबर (या केवल फाइबर) कांच या प्लास्टिक से निर्मित एक फाइबर होता है जिसके लम्बाई की दिशा में प्रकाश का संचरण हो सकता है. आजकल इनका संचार में बहुत अधिक प्रयोग हो रहा है क्योंकि इनकी सहायता से अधिक दूरी तक बिना संकेत को परिवर्धित किये लेजाया जा सकता है. ये किसी विद्युतचुम्बकीय इन्टरफेरेन्स से भी बहुत कम प्रभावित होते है.
कार्य करने का सिद्धांत
वस्तुतः ऑप्टिकल फाइबर(optical fiber) एक बेलनाकार डाईएलेक्ट्रिक वेवगाइड है जो प्रकाश को अपनी लम्बाई की दिशा में संचरण कराता है. इस प्रक्रिया में प्रकाश का पूर्ण आन्तरिक परावर्तन होता है.
ऑप्टिकल फाइबर को अंत में जोड़ना
ऑप्टिकल फाइबर(optical fiber) को अन्त में जब किसी उपकरण से जोड़ना होता है तो उसके लिये ऑप्टिकल फाइबर(optical fiber) कनेक्टर का प्रयोग करना पड़ता है.ये कनेक्टर प्रायः FC, SC, ST, LC, या MTRJ आदि मानक प्रकार के होते हैं.
ऑप्टिकल फाइबर(optical fiber) के उपयोग
आजकल दूरसंचार कंपनियों द्वारा सिग्नल को संचारित करने के लिए, इंटरनेट संचार (internet communication) तथा मोबाइल फोन के सिग्नल आदि के लिए ऑप्टिकल फाइबर का प्रयोग किया जाता है. ऑप्टिकल फाइबर(optical fiber) डाइलेक्ट्रिक तरंगों के पथ प्रदर्शक होते है तथा विद्युत चुम्बकीय अवरोध और रेडियो आवृत्ति अवरोधक से युक्त होते है. विधुत संकेत को प्रकाशिय संकेत में बदल कर प्रेषित करने तथा अधिग्रहण करने में भी इसका प्रयोग किया जाता है.

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सेमीकंडक्टर क्या हैं || semiconductor kya hai




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semiconductor kya hai

सेमीकंडक्टर (srmiconductor) क्या हैं? 
प्रकृति में कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जो कि विद्युत के सुचालक होते है, अर्थात बिजली के संपर्क में आने पर उनमें करंट लगता है. और कुछ ऐसे पदार्थ भी होते हैं जो कि विद्युत के कुचलाक होते हैं, ऐसे पदार्थ जब बिजली के संपर्क में आते हैं तो उन पर करंट नहीं लगता है.लेकिन इसके अलावा कुछ ऐसे पदार्थ भी हमारी प्रकृति में मौजूद हैं जिनमें सुचालक और कुचालक दोनों पदार्थ के गुण पाए जाते हैं. ऐसे पदार्थों को ही अर्धचालक (सेमीकंडक्टर) कहते हैं. अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे डायोड, ट्रांजिस्टर, इंटीग्रेटेड सर्किट आदि के निर्माण में काम आते हैं.

Semiconductor के गुण
ताप बढ़ाने पर अर्धचालकों की विद्युत चालकता बढ़ती है, इस कारण ही अर्धचालकों का प्रतिरोध ताप गुणांक ऋणात्मक होता है।
अर्धचालकों में बहुत से अन्य उपयोगी गुण भी देखने को मिलते हैं, जैसे किसी एक दिशा में दूसरे दिशा की अपेक्षा आसानी से धारा का प्रवाह होना अर्थात् भिन्न-भिन्न दिशाओं में विद्युतचालकता का भिन्न-भिन्न होना।
इसके अलावा नियंत्रित मात्रा में अशुद्धियाँ (impurities) डालकर अर्धचालकों की चालकता को कम या अधिक किया जा सकता है।
इन अशुद्धियों को मिलाने की प्रक्रिया को ‘डोपन’ (doping) कहते हैं। डोपिंग करके ही इलेक्ट्रानिक युक्तियों (डायोड, ट्रांजिस्टर आदि) का निर्माण किया जाता है।
इनकी चालकता को बाहर से लगाए गए विद्युत क्षेत्र या प्रकाश के द्वारा भी परिवर्तित किया जा सकता है।

अर्धचालक उपकरणों के लाभ || advantage of semiconductor devices in hindi. 
चूंकि अर्धचालक उपकरणों में कोई फिलामेंट नहीं होता है, इसलिए इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन के कारण उन्हें गर्म करने के लिए कोई शक्ति की आवश्यकता नहीं होती है.
चूंकि कोई हीटिंग की आवश्यकता नहीं है, सर्किट चालू होने पर अर्धचालक उपकरण तुरंत काम करना शुरू हो जाते हैं.
वैक्यूम ट्यूबों की तुलना में अर्धचालक उपकरणों को कम वोल्टेज ऑपरेशन की आवश्यकता होती है.
वैक्यूम ट्यूबों की तुलना में सेमीकंडक्टर डिवाइस सस्ता हैं। अर्धचालक उपकरणों का लगभग असीमित जीवन है.

अर्धचालक उपकरणों के नुकसान || disadvantages of semiconductor devices in hindi
वैक्यूम ट्यूबों की तुलना में अर्धचालक उपकरणों में शोर का स्तर अधिक है.
साधारण अर्धचालक उपकरण, वैक्यूम ट्यूबों की तुलना में अधिक शक्ति सहन नहीं कर कर सकते हैं.

किसी अर्धचालक का ताप बढ़ने पर उसकी चालकता क्या
होती है?
Answer - अर्धचालक उन पदार्थों को कहतें हैं जिनकी चालकता अचालक पदार्थों से अधिक और चालक पदार्थों से कम होती है। ताप बढ़ने पर अर्धचालक की चालकता बढ़ जाती है क्यूंकि आयनों का प्रवाह बढ़ जाता है।

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माउस कितने प्रकार के होते हैं? | Mouse kitne prakar ke hote hain.

सबसे हम जानते हैं की माउस क्या हैं. और माउस (mouse) कैसे काम करती हैं.

माउस क्या है? | what is mouse?
माउस (Mouse)- माउस किसी भी कंप्यूटर सिस्टम के लिए मुख्य इनपुट डिवाइस है.यह एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) प्वाइंटिंग इनपुट डिवाइस है, जिसका प्रयोग कम्प्यूटर में pointer की मदद से, बड़ी ही आसानी से, इनपुट देने के लिए किया जाता है। Pointer का प्रयोग होने के कारण, इसे प्वाइंटिंग डिवाइस भी कहते हैं.

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माउस के प्रकार | mouse ke prakar

माउस कितने प्रकार के होते हैं? | Mouse kitne prakar ke hote hain.
Mechanical mouse
सबसे पहले जिस माउस का इस्तेमाल किया जाता था, वह मैकेनिकल माउस ही होते थे। साल 1972 में बिल इंग्लिश(Bill English) के द्वारा माउस का आविष्कार किया गया था। Mechanical mouse को ball mouse के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसमें इंस्ट्रक्शंस के लिए बॉल का इस्तेमाल किया जाता था। माउस को हिलाने पर उसमें लगा यह बॉल भी move होता था, जिसकी वजह से माउस के द्वारा कंप्यूटर का courser move होता था और दूसरे instruction दिए जाते थे। Mechanical mouse यानी कि ball mouse का इस्तेमाल पहले के समय में ज्यादा किया जाता था आज के समय में ज्यादा advanced और बेहतर माउस बाजार में उपलब्ध है जिनका इस्तेमाल आज ज्यादा किया जा रहा है।

Optical mouse
एक मैकेनिकल माउस में जिस तरह बॉल का इस्तेमाल होता है, Optical mouse में बॉल के स्थान पर एक LED का इस्तेमाल किया जाता है। कंप्यूटर चलाते वक्त यदि आपने ऐसा माउस देखा हो जिसके नीचे Red LED जल रही हो तो वह एक Optical mouse होगा। एक ऑप्टिकल माउस में Optical electronics का इस्तेमाल किया जाता है जिससे माउस का position और movement track किया जाता है। आज के समय में ऑप्टिकल माउस को ही स्टैंडर्ड मैकेनिकल माउस का दर्जा प्राप्त है। वर्तमान में सबसे ज्यादा इसी तरह के माउस का इस्तेमाल हो रहा है, यह दूसरों की तुलना में ज्यादा रिलायबल होते हैं एवं इन्हें ज्यादा मेंटेन भी नहीं करना होता है। एक ऑप्टिकल माउस का इस्तेमाल करते वक्त अच्छा और समतल सरफेस होना चाहिए।

Trackball mouse
आज के समय में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है वैसे वैसे हर डिवाइस के साथ-साथ mouse भी एडवांस होते जा रहे हैं। एक trackball mouse दिखने में काफी हद तक एक आम माउस की तरह ही होता है, जिसमें courser को मूव करने के लिए एक track बॉल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे कंप्यूटर चलाने वाला अपने अंगूठे की सहायता से ऑपरेट करता है। एक आम कंप्यूटर चलाने वाला इंसान सामान्य तौर पर इस तरह के माउस का इस्तेमाल नहीं करता है। इस माउस का इस्तेमाल करना दूसरों की तुलना में थोड़ा ज्यादा मुश्किल होता है। बाजार में इस तरह के माउस ज्यादा देखने को नहीं मिलते, कुछ स्पेसिफिक कामों के लिए इस तरह के माउस का इस्तेमाल प्रोफेशनल लोगों द्वारा किया जाता है।

Stylus mouse
जिस प्रकार कुछ महंगे और flagship smartphone ( samsung note 10 ,Samsung galaxy S6, IPad ) में आपको एक स्टाइलस दिया जाता है उसी प्रकार स्टाइलस के आकार का माउस भी होता है। असल में यह एक माउस का होकर किसी पेन की तरह एक stylus pen होता है। एक नॉर्मल माउस में जितने भी जरूरी बटन होते हैं, वे सभी इसमें पाए जाते हैं। Stylus mouse जो होते हैं वे wireless तरीके से काम करते हैं। आज के समय में टच स्क्रीन वाले जो कुछ कंप्यूटर और लैपटॉप आते हैं उनमें इस प्रकार के माउस का इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान में इनका प्रचलन भी काफी है।

Wired mouse
नाम से ही पता चल रहा है की इन्हें कंप्यूटर के साथ directly एक वायर के द्वारा कनेक्ट किया जाता है। इन्हें corded mouse भी कहा जाता है। USB Cabels इत्यादि से ये कंप्यूटर से connect होते हैं, यह उस वायर से ही पावर लेते हैं इसलिए इनमे बैटरी इत्यादि की आवश्यकता नहीं होती है। क्योंकि यह wire (USB cabel) के द्वारा connect होते हैं इसीलिए ये ज्यादा accurate भी होते हैं। वायर सही रहने पर इनमें कनेक्शन इत्यादि की कोई दिक्कत नहीं आती है। Mechanical mouse या optical mouse wired mouse हो सकते हैं।

Wireless mouse
इसमें भी नाम से पता चल रहा है कि जिस माउस में वायर का इस्तेमाल नहीं किया जाता है वह wireless mouse है। इस माउस के साथ कोई भी cable attach नहीं होती है, इसमें डाटा ट्रांसफर और कंप्यूटर से कनेक्ट होने के लिए wireless technology का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें बिना wire के साथ सिर्फ एक माउस होता है और साथ में एक reciever दिया जाता है जिसे आप को कंप्यूटर में लगाना होता है। इसमें wires इत्यादि की कोई भी दिक्कत नहीं होती है। क्योंकि इसमें wire नहीं होते हैं इसीलिए यह कंप्यूटर से पावर नहीं ले सकते हैं, जिसके लिए इनमें खुद की बैटरी होती है जिनसे यह थोड़े भारी भी होते हैं एवं साथ ही इन्हे चार्ज करने की जरूरत भी पड़ती है।


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माउस क्या है? | what is mouse?
माउस क्या है? | what is mouse?
माउस (Mouse)- माउस किसी भी कंप्यूटर सिस्टम के लिए मुख्य इनपुट डिवाइस है.यह एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) प्वाइंटिंग इनपुट डिवाइस है, जिसका प्रयोग कम्प्यूटर में pointer की मदद से, बड़ी ही आसानी से, इनपुट देने के लिए किया जाता है। Pointer का प्रयोग होने के कारण, इसे प्वाइंटिंग डिवाइस भी कहते हैं.
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माउस क्या है | computer mouse


माउस के उपयोग | mouse ke upyog
माउस एक इनपुट डिवाइस है, जिसका वास्तविक नाम Pointing Device है. इसका उपयोग मुख्यत: कम्प्यूटर स्क्रीन पर Items को चुनने, उनकी तरफ जाने तथा उन्हे खोलने एवं बदं करने में किया जाता है. माउस के द्वाराा यूजर कम्प्यूटर को निर्देश देता है. इसके द्वारा यूजर कम्प्यूटर स्क्रीन पर कहीं भी पहुँच सकता है.
माउस mouse के द्वारा यूजर कंप्यूटर को निर्देश देता है. इसके द्वारा यूजर कंप्यूटर स्क्रीन पर कहीं भी पहुंच सकता है. आपको बता दें कि कंप्यूटर माउस mouse आमतौर पर एक चूहे की तरह दिखता है इसलिए इसको लोग माउस mouse कहते हैं क्योंकि यह छोटा तथा आयताकार होता है, जो एक तार के द्वारा कंप्यूटर से जुड़ा होता है.

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माउस पैड | mouse pad
माउस को चलाते समय कभी-कभी माउस के नीचे कुछ नहीं होने के कारण माउस अच्छा से काम नहीं करता है. इसलिए माउस के नीचे एक पैड रखा जाता है जिस पर माउस रखकर के काम करने पर आसानी से माउस चारों तरफ मुव करता है और सही तरीके से काम करता है.