सेमीकंडक्टर क्या हैं | semiconductor kya hai
semiconductor kya hai |
सेमीकंडक्टर (semiconductor) क्या हैं?
प्रकृति में कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जो कि विद्युत के सुचालक होते है, अर्थात बिजली के संपर्क में आने पर उनमें करंट लगता है. और कुछ ऐसे पदार्थ भी होते हैं जो कि विद्युत के कुचलाक होते हैं, ऐसे पदार्थ जब बिजली के संपर्क में आते हैं तो उन पर करंट नहीं लगता है.लेकिन इसके अलावा कुछ ऐसे पदार्थ भी हमारी प्रकृति में मौजूद हैं जिनमें सुचालक और कुचालक दोनों पदार्थ के गुण पाए जाते हैं. ऐसे पदार्थों को ही अर्धचालक (सेमीकंडक्टर) कहते हैं. अर्धचालक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे डायोड, ट्रांजिस्टर, इंटीग्रेटेड सर्किट आदि के निर्माण में काम आते हैं.
Semiconductor के गुण
ताप बढ़ाने पर अर्धचालकों की विद्युत चालकता बढ़ती है, इस कारण ही अर्धचालकों का प्रतिरोध ताप गुणांक ऋणात्मक होता है।
अर्धचालकों में बहुत से अन्य उपयोगी गुण भी देखने को मिलते हैं, जैसे किसी एक दिशा में दूसरे दिशा की अपेक्षा आसानी से धारा का प्रवाह होना अर्थात् भिन्न-भिन्न दिशाओं में विद्युतचालकता का भिन्न-भिन्न होना।
इसके अलावा नियंत्रित मात्रा में अशुद्धियाँ (impurities) डालकर अर्धचालकों की चालकता को कम या अधिक किया जा सकता है।
इन अशुद्धियों को मिलाने की प्रक्रिया को ‘डोपन’ (doping) कहते हैं। डोपिंग करके ही इलेक्ट्रानिक युक्तियों (डायोड, ट्रांजिस्टर आदि) का निर्माण किया जाता है।
इनकी चालकता को बाहर से लगाए गए विद्युत क्षेत्र या प्रकाश के द्वारा भी परिवर्तित किया जा सकता है।
अर्धचालक उपकरणों के लाभ || advantage of semiconductor devices in hindi.
चूंकि अर्धचालक उपकरणों में कोई फिलामेंट नहीं होता है, इसलिए इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन के कारण उन्हें गर्म करने के लिए कोई शक्ति की आवश्यकता नहीं होती है.
चूंकि कोई हीटिंग की आवश्यकता नहीं है, सर्किट चालू होने पर अर्धचालक उपकरण तुरंत काम करना शुरू हो जाते हैं.
वैक्यूम ट्यूबों की तुलना में अर्धचालक उपकरणों को कम वोल्टेज ऑपरेशन की आवश्यकता होती है.
वैक्यूम ट्यूबों की तुलना में सेमीकंडक्टर डिवाइस सस्ता हैं। अर्धचालक उपकरणों का लगभग असीमित जीवन है.
अर्धचालक उपकरणों के नुकसान || disadvantages of semiconductor devices in hindi
वैक्यूम ट्यूबों की तुलना में अर्धचालक उपकरणों में शोर का स्तर अधिक है.
साधारण अर्धचालक उपकरण, वैक्यूम ट्यूबों की तुलना में अधिक शक्ति सहन नहीं कर कर सकते हैं.
किसी अर्धचालक का ताप बढ़ने पर उसकी चालकता क्या
होती है?
Answer - अर्धचालक उन पदार्थों को कहतें हैं जिनकी चालकता अचालक पदार्थों से अधिक और चालक पदार्थों से कम होती है। ताप बढ़ने पर अर्धचालक की चालकता बढ़ जाती है क्यूंकि आयनों का प्रवाह बढ़ जाता है।