Cryptocurrency kya hai

 क्रिप्टोकरंसि क्या हैं

सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च 2020 को क्रिप्टो करंसी पर लगे बैन को हटा दिया।अप्रैल 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टो करंसी पर बैन लगाया था. RBI ने 2018 में क्रिप्टो करंसी के ट्रेडिंग से जुड़ी फाइनेंशियल सर्विस पर बैन लगाया था. RBI  ने क्रिप्टो करंसी में कारोबार नहीं करने के लिए निर्देश जारी किए थे. 2018 में तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी कहा था कि सरकार क्रिप्टो करंसी को कानूनी नहीं मानती है. इसके अवैध इस्तेमाल के खिलाफ उपाय किए जाएंगे।

Cryptocurrency क्या है?

क्रिप्टो करंसी एक वर्चुअल करंसी है।जो फिजिकक्ल नहीं होती हैं । माने सिक्के और नोट की शक्ल में नहीं दिखती।इसे छापा नहीं जा सकता है, सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक तरीके से स्टोर किया जा सकता है। क्रिप्टो करंसी के जरिए आप वर्चुअल चीजें खरीद-बेच सकते हैं,इसे पारंपरिक करंसी के विकल्प के तौर पर देखा जाता है।यह कंप्यूटर के एल्गोरिदम पर आधारित है।
𝐂𝐫𝐲𝐩𝐭𝐨𝐜𝐮𝐫𝐫𝐞𝐧𝐜𝐲 (𝐛𝐢𝐭𝐜𝐨𝐢𝐧) 

कैसे काम करता हैं Cryptocurrency

यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करती है।ब्लॉकचेन में डेटा एक साथ नहीं होते हैं।बंटे हुए होते हैं. इंग्लिश में कहें तो Distributed Database ।इसमें लगातार रिकॉर्ड्स को मेंटेन किया जाता है, जिसे टेक की दुनिया में ब्लॉक कहते हैं. इसमें हर एक ब्लॉक अपने पहले के ब्लॉक से जुड़ा होता है। इस टेक्नोलॉजी में कई हजार कंप्यूटर पर डेटा सिक्योर और एन्क्रिप्टेड होते हैं।सुरक्षा के भी कई लेयर होते हैं। हैकिंग से फुलप्रूफ सिस्‍टम है।

क्रिप्टो करंसी इस्तेमाल करते वक्त क्रिप्टोग्राफी के नियमों के मुताबिक़ लेनदेन सिक्योर होता हैहै। ऐसे में करंसी का हिसाब रखा जा सकता है।इसमें धोखाधड़ी की संभावना नहीं के बराबर है. क्योंकि ब्लॉकचैन पर किसी का फुल-फ्लेज कंट्रोल नहीं होता और गड़बड़ी की नहीं जा सकती।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में कोई मिडिलमैन नहीं होता. ये सिर्फ बेचने और खरीदने वालों के बीच का काम है। रियल टाइम ट्रांजेक्शन होते हैं।क्रिप्टो करंसी के खोने का डर भी नहीं है। अगर आप क्रिप्टो करंसी से लेनदेन करते हैं तो इसका हिसाब आपको किसी को देना नहीं पड़त। आपको अपने अकाउंट को हैकर्स से बचाने और पासवर्ड को याद रखने जैसी सावधानियां रखनी पड़ती हैं।

एक ओर तो ये कैशलेस और ग्लोबल फ्री इकॉनमी को बढ़ावा देती है साथ ही आतंकवाद, हथियार और ड्रग्स के कारोबार में भी इसका बड़ा इस्तेमाल होता है।

Cryptocurrency की अच्छी बात

Cryptocurrency में fraud होने के chances बहुत ही कम हैं। Cryptocurrency की अगर बात की जाये तो ये normal digital payment से ज्यादा secure होते हैं। इसमें transaction fees भी बहुत है कम है अगर हम दुसरे payment options की बात करें तब। इसमें account बहुत ही secure होते हैं क्यूंकि इसमें अलग अलग प्रकार के Cryptography Algorithm का इस्तमाल किया जाता है।_

Cryptocurrency की कमियाँ

Cryptocurrency में एक बार transaction पूर्ण हो जाने पर उसे reverse कर पाना असंभव होता है क्यूंकि इसमें वैसे कोई options ही नहीं होती है।

अगर आपका Wallet के ID खो जाती है तब वो हमेशा के लिए खो जाती है क्यूंकि इसे दुबारा प्राप्त करना संभव नहीं है. ऐसे में आपके जो भी पैसे आपके wallet में स्तिथ होते हैं वो सदा के लिए खो जाते हैं।

Bitcoin के अलावा और अन्य cryptocurrency

𝐋𝐢𝐭𝐞𝐜𝐨𝐢𝐧 (𝐜𝐫𝐲𝐩𝐭𝐨𝐜𝐮𝐫𝐫𝐞𝐧𝐜𝐲) 

Litecoin

Litecoin एक Cryptocurrency है Bitcoin की तरह ही, लेकिन ये बिलकुल ही अलग तरह की protocol को follow करते हैं. अगर हम Litecoin की official वेबसाइट को देखें तो उसमें लिखा है की Litecoin के peer-to-peer currency हैं जिसमें की instantly आप किसी को भी payment भेज सकते हैंLitecoin पूरी तरह से open source, decentralized crypto money है Litecoin को 7 Oct सन् 2011 में Charlie Lee के द्वारा बनाया गया था, ये एक ex-Google employees हैं. Litecoin को Bitcoin का एक complement के तोर पर बनाया गया था जिससे की problems जैसे की concentrated mining pool और transaction timings को हल किया जा सके. जो की cryptographic math के आधार पर काम करता है

Bitcoin के जैसे ही Litecoin में भी Wallets स्तिथ है जहाँ की आप अपने ख़रीदे हुए Litecoin को store कर सकते हो. इन्हें Digital Wallet भी कहा जाता है.
ये Wallets मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं :

1. Software Based Wallet
2. Hardware Based Wallet

Speed

Litecoin भी उसी Open Source code पर based है जो की Bitcoin के पीछे स्तिथ है. लेकिन बहुत से अंतर के साथ. Litecoin को Cryptocurrency का silver भी कहा जाता है? जबकि Bitcoin को gold कहा जाता है. इन दोनों में मुख्य अंतर इनके transaction speed में है।

Litecoin मे bitcoin की तुलना मे  block का बनना चार गुना फास्टर (faster) होती हैं ।जिसके चलते Transactions को आसानी से verify किया जा सकता है और उसी समय के अंतराल में और भी बहुत सारे process की processing की जा सकती है ।

Number of coin

Coins की मात्रा में Litecoin Bitcoin से काफी आगे है, जहाँ ये limit Bitcoin के लिए 21 million है वहीँ ये Litecoin के लिए 84 million के करीब है।

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Dogecoin

Dogecoin Bitcoin जैसा ही क्रिप्टो करेंसी है. इसे 2013 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर Billy Markus और Jackson Palmer ने मजाक के तौर पर शुरू किया थाये क्रिप्टो Doge मीम पर बेस्ड था. इसे Bitcoin से फास्टर और फन ऑप्शन के रूप में शुरू किया गया था

𝐂𝐫𝐲𝐩𝐭𝐨𝐜𝐮𝐫𝐫𝐞𝐧𝐜𝐲 (𝐃𝐨𝐠𝐞𝐜𝐨𝐢𝐧) 

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